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भारत की आवाज

हमारा ब्लॉग आयुर्वेद से संबंधित है और हम हर प्रकार की बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक सलाह देते हैं| यदि आपको बीमारियों से संबंधित आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता है तो आप हमारा ब्लॉक फॉलो कर सकते हैं|

योग करने का सही समय कब होता है?

1. सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है 2. खाना खाने के कुछ घंटे बाद ही योग अभ्यास करें 3. योग शुरू करने के पहले खुद को तनावमुक्त और मन को शांत कर लें 4. चुने हुए समय पर ही नियम से योग करें 5. शरीर में आए बदलाव को अनुभव करने के लिए नियमित रूप से योग करें 6. योग का अभ्यास ज़्यादा न करें

हल्दी वाला दूध पीने के फायदे - Benefits of drinking turmeric milk



रात को सोते समय देशी गाय के गर्म दूध में एक चम्मच देशी गाय का घी और चुटकी भर हल्दी डालें . चम्मच से खूब मिलाकर कर खड़े खड़े पियें. - इससे त्रिदोष शांत होते है.

- संधिवात यानी अर्थ्राईटिस में बहुत लाभकारी है. - किसी भी प्रकार के ज्वर की स्थिति में , सर्दी खांसी में लाभकारी है.

- हल्दी एंटी माइक्रोबियल है इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है. यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है.

- वजन घटाने में फायदेमंद गर्म दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा चर्बी घटती है. इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल्स सेहतमंद तरीके से वजन घटाने में सहायक हैं।

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- अच्छी नींद के लिए हल्दी में अमीनो एसिड है इसलिए दूध के साथ इसके सेवन के बाद नींद गहरी आती है.अनिद्रा की दिक्कत हो तो सोने से आधे घंटे पहले गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन करें.

- दर्द से आराम हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया से लेकर कान दर्द जैसी कई समस्याओं में आराम मिलता है. इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है.

- खून और लिवर की सफाई आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है.

- पीरियड्स में आराम हल्दी वाले दूध के सेवन से पीरियड्स में पड़ने वाले क्रैंप्स से बचाव होता है और यह मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाता है.

- मजबूत हड्डियां दूध में कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है और हल्दी में एंटीऑक्सीडेट्स भरपूर होते हैं

शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के घरेलु उपाय- Home remedies for increasing blood rapidly in the body



शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं। जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए इन आयुवेर्दिक उपायों को अपनाना चाहिए।

1. तिल और शहद

दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।

2. काफी और चाय खतरनाक

काफी और चाय का सेवन कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं।

3.ठंडा स्नान

दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाए और सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।

4. अंकुरित भोजन

आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ, मूंग और चने को अंकुरित करके उसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें।

5. आम

पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।

6. मूंगफली और गुड़

शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानों को गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।

7. सिंघाड़ा

सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।

8. मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर

मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।

9. फलो का सेवन

अनार, अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।

10. आंवले और जामुन का रस

आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।

11. टमाटर का रस

एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।

12. हरी सब्जिया

बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।

13. फालसा

फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।

15. सेब का जूस

सेब का जूस रोज पीएं। चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है

गठिया रोग का रामबाण इलाज - Arthritis Treatment of Arthritis


गठिया
गठिया के उपचार के लिए आजमायें आयुर्वेदिक चिकित्‍सा।आयुर्वेद के अनुसार यह समस्‍या आम-वात से जानी जाती है।आयुर्वेद में इसका उपचार योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है।उपचार में एरंड के तेल के साथ दूध का सेवन है फायदेमंद है।

सामान्‍यतया गठिया रोग 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को होता है, लेकिन वर्तमान में इसकी चपेट में युवा ही नहीं बच्‍चे भी आ रहे हैं। गठिया का रोग यानी आर्थराइटिस से शरीर के जोड़ो में दर्द और सूजन आ जाती है। गठिया रोग अचानक नहीं होता बल्कि धीरे-धीरे फैलता है इसलिए गठिया का सही उपचार जरूरी है।

जरूरी नहीं है कि आप गठिया के उपचार के लिए एलोपैथ की शरण में ही जायें, इसके लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं। आयर्वेद के जरिये गठिया के सभी प्रकारों जैसे - रूमेटायड आर्थराइटिस, ऑस्टियो आर्थराइटिस, गाउट, जुवेनाइल आर्थराइटिस और ऐंकलूजिंग स्पोंडीलोसिस आदि का उपचार आसानी से कर सकते हैं। इस लेख में विस्‍तार से जानिये आयुर्वेद के जरिये गठिया का कैसे कर सकते हैं उपचार।

                    *आयुर्वेद और गठिया*

आमतौर पर गठिया होने का प्रमुख कारण आनुवांशिक होता है, लेकिन कई बार किसी भयंकर बीमारी या संक्रमित रोग के कारण भी गठिया रोग हो जाता है। आर्थराइटिस को आयुर्वेद में आम-वात के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गठिया होने के कारकों में खराब पाचन, खानपान की गलत आदतें और निष्क्रिय जीवनशैली के साथ ही वात दोष को माना गया है।

                          *दिनचर्या*

गठिया में सिर्फ आयुर्वेदिक औषधियां ही नहीं बल्कि अच्छी खुराक लेने की सलाह भी देनी चाहिए। दरअसल, आयुर्वेद के इलाज के दौरान, गठिया के मूल कारणों को खोजने और फिर उसका सही रूप में उपचार करने पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यदि किसी व्यक्ति में गठिया रोग वात बिगड़ने और दोषपूर्ण पाचन की वजह से हुआ है तो आयुर्वेद में उसके इलाज स्वरूप रोगी की असंतुलित शारीरिक ऊर्जाओं को शांत करने और पाचन क्षमता बेहतर करने पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।

                  *आयुर्वेदिक उपचार*

आयुर्वेद के अनुसार गठिया के उपचार में जितनी जरूरी इसकी चिकित्सा है, उससे कहीं अधिक जरूरी परहेज भी है। रोगी के लिए विशेष प्रकार के व्यायाम कराए जाते हैं और सप्ताह में एक से दो बार सोने के पहले 25 मिलीलीटर एरंड के तेल का दूध के साथ सेवन कराते हैं। इसके अलावा लक्षणों व रोग की गंभीरता के आधार पर उपचार किया जाता है। उपचार के दौरान रोगी को दर्द कम करने के लिए एंटी-रुमे‍टिक और एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाएं दी जाती हैं साथ ही भरपूर आराम करने की सलाह दी जाती है।

                         *खानपान*
आयुर्वेद के अनुसार मरीजों के लिए खानपान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। अधिक तेल व मिर्च वाले भोजन से परहेज रखें और डाइट में प्रोटीन की अधिकता वाली चीजें न लें। भोजन में बथुआ, मेथी, सरसों का साग, पालक, हरी सब्जियां, मूंग, मसूर, परवल, तोरई, लौकी, अंगूर, अनार, पपीता, आदि का सेवन करें। इसके अलावा नियमित रूप से लहसुन व अदरक आदि का सेवन भी इसके उपचार में फायदेमंद है।

अर्थराइटिस के इलाज के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बेहद आवश्यक है, साथ ही पाचन तंत्र का भी बेहतर होना जरूरी है। इसलिए नियमित व्‍यायाम के साथ खानपान का विशेष ध्‍यान रखें।

मधुमेह में रामबाण सिद्ध होती हैं ये सब्जिया - These vegetables are proved in diabetes



मधुमेह रोग ऐसा भयंकर रोग हैं जिसमे कुछ भी खाना पीना हो तो बहुत सोचना पड़ता हैं के क्या खाए क्या ना खाए। ऐसे में कुछ ऐसी सब्जिया हैं जिनका सेवन मधुमेह के लिहाज से सही तो हैं ही बल्कि इसके सेवन से मधुमेह रोग को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिलती हैं। अपने नित्य भोजन में ज़रूर शामिल करे।

आइये जाने इन सब्जियों के बारे में जो मधुमेह का दमन करती हैं।

टमाटर Tomato

मधुमेह में टमाटर बहुत लाभदायक हैं। टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा घटाती हैं। मूत्र में शक्कर जाना धीरे धीरे कम हो जाती हैं।

खीरा Cucumber

प्रतिदिन खीरे की सलाद बनाकर खाने और 100 ग्राम खीरे का रस सुबह शाम पीने से बहुत लाभ होता हैं।

लौकी Gourd

मधुमेह में लौकी बहुत लाभ करती हैं। सब्जी, सलाद के रूप में कच्ची लौकी खा सकते हैं। सुबह खाली पेट लौकी का रस पीना मधुमेह में बहुत लाभदायक हैं। लौकी के रस में थोड़ा सेंधा नमक मिला कर पिए।

करेला Bitter gourd

करेला अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्त्राव को बढ़ाता हैं। करेले में इन्सुलिन प्रयाप्त मात्रा में होती हैं। यह इन्सुलिन मूत्र एवं रक्त दोनों ही की शर्करा को नियंत्रित रखने में समर्थ हैं। मधुमेह में करेले का जूस सब्जी और इसका चूर्ण बेहद फायदेमंद हैं।
इसके जूस और चूर्ण बनाने की विधि आप हमारी इस पोस्ट से यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।

सेम Bean

सेम में इन्सुलिन पाया जाता हैं। और इसमें रेशा अर्थात फाइबर भी अधिक होता हैं। जो मधुमेह की चिकित्सा में बहुत लाभदायक हैं। मधुमेह के रोगी को सेम की सब्जी और कच्ची सेम का रस एक-एक कप नित्य दो बार पीना चाहिए।

शलगम turnip

शलगम की सब्जी भी मधुमेह में बहुत लाभदायक हैं। इसको भी मधुमेह के रोगी को ज़्यादातर अपने भोजन में जगह देनी चाहिए।

कद्दू Pumpkin

कद्दू में विटामिन सी, आयरन और असंतृप्‍त वसा, एंटीऑक्‍सीडेंट, फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, कद्दू का सेवन करने से मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा होता हैं और इस रोग की रोकथाम करने में बहुत मदद मिलती हैं।

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शुगर (मधुमेह) का सबसे बढ़िया और सबसे सरल आयुर्वेदिक उपचार, जरूर पढ़ें!!

जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती है। इसका मतलब है वह व्यक्ति दिन भर में जितनी भी मीठी चीजें खाता है (चीनी, मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार से नहीं पचती अर्थात उस व्यक्ति का अग्नाशय उचित मात्रा में उन चीजों से इन्सुलिन नहीं बना पाता इसलिये वह चीनी तत्व मूत्र के साथ सीधा निकलता है। इसे पेशाब में शुगर आना भी कहते हैं। जिन लोगों को अधिक चिंता, मोह, लालच, तनाव रहते हैं, उन लोगों को मधुमेह की बीमारी अधिक होती है।

मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रेागी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्म/घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।

आयुर्वेद की एक दावा है जो आप घर मे भी बना सकते है –

1. 100 ग्राम मेथी का दाना

2. 100 ग्राम तेजपत्ता

3. 150 ग्राम जामुन की बीज

4. 250 ग्राम बेल के पत्ते

इन सबको धुप मे सुखा कर पत्थर मे पिस कर पाउडर बना कर आपस मे मिला ले, यही औषधि है ।

औषधि लेने की पद्धति : सुबह नास्ता करने से एक घंटे पहले एक चम्मच गरम पानी के साथ ले फिर शाम को खाना खाने से एक घंटे पहले ले । तो सुबह शाम एक एक चम्मच पाउडर खाना खाने से पहले गरम पानी के साथ आपको लेना है ।

45-60 दिन अगर आप ये दावा ले लिया तो आपकी डाईबेटिस बिलकुल ठीक हो जाएगी ।

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शुगर रोगियों के लिए रामबाण हैं ये 4 कार्य, जरूर पढ़े!!

अगर आप सुबह उठ कर ये चार कार्य अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे तो आपकी मधुमेह की बीमारी जितनी भी पुरानी क्यों ना हो, कुछ ही दिनों में सही हो जाएगी। ये कार्य दोनों प्रकार की शुगर में लाभदायक हैं। इन कार्यो को करेंगे तो निश्चित ही आपकी मधुमेह की बीमारी जड़ से ख़त्म हो सकती हैं। और आपकी जो दवाये अपना प्रभाव नहीं दिखा रही थी वो भी अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देंगी। आइये जाने इनको।

1. आयल पुलिंग।

सुबह उठ कर सब से पहले बिना ब्रश किये 10 मि ली तेल(सरसों, नारियल, तिल, मूंगफली) कोई भी मुंह में ले कर 15 मिनट तक इसको चबाते रहे। ध्यान रहे इसको निगलना नहीं। इसके बाद में इसको थूक दीजिये।

2. गिलोय की दातुन।

इसके बाद आप गिलोय की दातुन कीजिये, और इसको चबाने पर जो रस निकले उसको अंदर ही निगल लीजिये। अगर किसी कारण आपको गिलोय की दातुन ना मिले तो आप नीम या बबूल की दातुन कर सकते हैं। गिलोय और नीम का रस मधुमेह में अपने आप में रामबाण औषिधि हैं।

3. सुबह की सैर।

सुबह उठ कर पार्क वगैरह पर घूमने जाइए, जितना गति से आसानी से दौड़ लगा सकते हैं दौड़ ज़रूर लगाये। थोड़ी देर कंकर पत्थर वाली जगह पर नंगे पाँव ज़रूर चले। इस से एक्युपंचर होगा, जो मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

4. योगा।

हर रोज़ 15 मिनट कम से कम योग ज़रूर करे, इसमें भी विशेष 5 मिनट मंडूकासन ज़रूर करे। और कपाल भाति, अनुलोम विलोम जैसे प्राणायाम भी ज़रूर करे। मंडूकासन से पैंक्रियास इन्सुलिन का स्त्राव करना शुरू कर देता हैं जिस से शरीर में फैली ग्लूकोस शरीर के सेल्स ग्रहण कर लेते हैं। और शरीर में शुगर का स्तर कंट्रोल होता हैं।

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मधुमेह के रोगियों के लिए सरल घरेलु नुस्खा |

मधूमेह ( Sugar)

वैसे तो शूगर के सैकडों अनुभूत नुस्खें है लेकिन आज ऐसा नुस्खा जो कि अनुभूत है, सैकडो़ रोगियो पर आजमाया है| इस योग की खासीयत यह है कि यह नये और पुराने रोगियो को 2-3 महीने प्रयोग करने से सदा के लिए शूगर से मुक्ति दिला सकता है| और अगर भविष्य में फिर कभी भी दिक्कत आये तो फिर दोबारा इस प्रयोग को कर सकते हैं. सही होने पर अपने अनुभव ज़रूर शेयर करें.

इस फारमूले को बनाने की सावधानी यही है कि सारी दवा ताजा ही लेनी है ,

जो इस प्रकार है –
१) नीम पत्र
२) जामुन पत्र
३) अमरूद पत्र
४) बेल पत्र
५) आम पत्र
६) गुडमार बूटी ( यह पंसारी से लें, ओर पाउडर बनाकर ही डालें)

सबको सामान भाग लेकर धोकर , कूटकर चटनी जैसा,किसी साफ बर्तन मे डालकर, 16 गुना जल (अर्थात अगर उपरोक्त सामन 100 ग्राम है तो पानी 1600 ग्राम)  डालकर धीमी आँच पर रख दें, जब पानी चोथा हिस्सा (अर्थात 400 ग्राम) रह जाए तब उतारकर, ठंडा होने पर, मल छानकर (अर्थात हाथों से अच्छे से घोट कर फिर छान लें) थोड़ी देर के लिए रख दीजिये, जब पानी निथर जाए तो निथारकर रख ले, दवा तैयार है |
सुबह खाली पेट 20-50 ml तक लें| इसके बाद आधे घंटे तक कुछ भी खाए पियें नहीं.

परहेज- चीनी , चाय, काफी , आलू , मेदा, डालडा घी बिल्कुल बंद कर दें|

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महंगी क्रीम नहीं, खूबसूरती के लियें सिर्फ 1 चम्मच नमक - Not only expensive cream, just 1 teaspoon salt for beauty



जी हां, इस मामूली से दिखने वाले नमक के कई ब्यूटी फायदे हैं जो आपको दे सकते हैं ग्लोइंग स्किन और प्रॉब्लम-फ्री बाल.

टोनर
नमक आपके पोर्स को अंदर से साफ करता है और चेहरे के ऑयल को भी बैलेंस रखता है. एक छोटे चम्मच नमक को एक कप पानी में घोलें और स्प्रे बॉटल में भर लें. इसे रोज़ साफ और सूखी त्वचा पर इस्तेमाल करें, आंखों को बचाते हुए.

बैलेंसिंग मास्क
नमक और शहद दोनों में ही एंटी-इनफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो स्किन को आराम देते हैं और पिंपल्स और जलन कम करते हैं. 2 छोटे चम्मच नमक और 4 चम्मच कच्चा शहद लेकर पेस्ट बनाएं. इसे साफ और सूखी त्वचा पर लगाएं, आंखों को छोड़ते हुए. इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ें. हल्के हाथों से मसाज करें और फिर गर्म पानी में नर्म कपड़ा भिगोकर उससे चेहरा साफ करें.

फेशियल स्टीमर
आधे कप नमक को 3 कप पानी में उबालें और फिर इस पानी से चेहरे पर स्टीम लें. इससे आपके पोर्स खुल जाएंगे और पिंपल्स भी कम होंगे.

फेस स्क्रब
नमक में ऐसे कई मिनरल्स होते हैं जो त्वचा को मुलायम बनाकर इसकी नमी बरकरार रखते हैं. 1 चम्मच नमक को इतने ही ऑलिव ऑल में मिलाएं. इस मिक्सचर से चेहरे को स्क्रब करें और फिर गुनगुने पानी से धो लें.

बॉडी स्क्रब
नमक एक नैचुरल एक्सफॉलिएंट है जो डेड स्किन हटाने में मदद करता है. आधा कप नमक को 1/4 कप ऐलो वेरा जूस या जेल में मिलाएं इसमें अपने पसंद के एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें भी मिला लें. नहाने से पहले इस मिक्सचर से शरीर को स्क्रब करें.

नहाने के लिए
नमक शरीर की सारी गंदगी और धूल को सोखकर शरीर को अंदर से साफ कर देता है. पुराने समय में इसे प्राणिक हीलिंग सिस्टम्स में इंसान को अंदर से साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. बस अपने नहाने के पानी में एक चम्मच नमक डालें और इससे नहाएं. आप तरोताज़ा महसूस करेंगे. आप देखेंगे कि पानी में ज़्यादा देर रहने के बावजूद त्वचा में कम सिकुड़न हुई है, जिसका मतलब है कि ये त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करता है.

स्वस्थ और चमकते नाखूनों के लिए
नमक आपके क्यूटिकल्स को नर्म कर देता है, इन्हें मज़बूती और चमक भी देता है. एक चम्मच नमक, 1 चम्मच नमक, 1 चम्मच बेकिंग सोडा और 1 चम्मच नींबू के रस को आधे कप गर्म पानी में मिलाएं. अपनी उगलियों को इस घोल में डुबोकर रखें, फिर एक मुलायम ब्रश से स्क्रब करें. हाथों को धोएं और मॉइश्चराइज़ करें. आप अपने हाथों को ऑलिव ऑयल और नमक के मिश्रण से स्क्रब कर के पा सकती हैं मुलायम हाथ.

डैंड्रफ से छुटकारा
नमक स्कैल्प पर जमे फ्लेक्स को लूज़ कर के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है जिससे स्कैल्प हेल्दी होती है. ये एक्सेस ऑयल को सोखता है और फंगल ग्रोथ भी रोकता है. थोड़ा सा नमक अपने स्कैल्प पर छिड़कें और गीली उंगलियों से मसाज करें और फिर हमेशा की तरह शैम्पू और कंडीशन करें.

सफेद दांतों के लिए
नमक और बेकिंग सोडा दोनों ही दांतों के दाग-धब्बे हटाकर उन्हें साफ करने में मदद करते हैं. 1 चम्मच नमक को 2 चम्मच बेकिंग पाउडर में मिलाएं. अपने टूथब्रश को हल्का भिगोकर इस मिक्सचर से ब्रश करें.

सांस की बदबू
नमक एक नैचुरल डिसइन्फेक्टेंट है जो सांस की बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है. आधे चम्मच नमक, आधे चम्मच बेकिंग सोडा को आधे कप पानी में घोलें. इस पानी को मुंह में लेकर अच्छे से कुल्ला करें. और फिर साफ पानी से धो लें.

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धातुएं भी करती है सेहत बनाने में मदद- Metals also help in making health



कुछ चीज़ें एक साथ खाने से शरीर को पहुंचता हैं नुकसान। आहार का चुनाव हम अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर करते हैं, ताकि खाना शरीर में जाने के बाद हमे ऊर्जा प्रदान करे, शरीर स्वस्थ रहे और शरीर का संतुलन बना रहे। जिस तरह खाने के अंदर पोषक तत्व रहते हैं, वैसे ही हम खाने के लिए जो पात्र उपयोग में लाते है, उसके भी हमे फायदे और नुक्सान को ध्यान में रखना चाहिए |
इसलिए सही भोजन के साथ सही धातु के बर्तन का चुनाव भी जरूरी होता है, ताकि खाने के गुणों में वृद्धि हो और हमारा शरीर रोगों से दूर रहे।

आप भोजन पकाने और परोसने के लिए कई तरह के पात्र का प्रयोग करते होंगे लेकिन आपको उन धातु के बर्तन में खाना खाने से क्या फायदा और क्या नुक्सान होता है ये पता होना चाहिए
तो आइये जानते है कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है |

1. सोना
सोना एक महँगी धातु है. सोना लाल, सफ़ेद, और पीले रंग में उपलब्ध होता है. लेकिन भारत में सबसे ज्यादा पीला सोना प्रयोग में लाया जाता है. सोने के बर्तन में पहले के राजा महाराजा भोजन करते थे. सोना एक गर्म धातु है. सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है. और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है – आँखों को तेज करता है|

2. चाँदी
सोने के बाद चाँदी की धातु मूल्य में दुसरे नंबर पर होती है. चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है. शरीर को शांत रखती है. इसके पात्र में भोजन बनाने और करने के कई फायदे होते हैं, जैसे दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती है, आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष , कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है|

3.कांसा
चाँदी के बाद काँसे के बर्तन का मूल्य आता है. यह चाँदी से थोड़ी सस्ती होती है और इसके बर्तन का प्रयोग माध्यम वर्गीय परिवार में अधिक होता है. खास कर गाँव में मेहमान नवाजी के लिए इन्हीं से बने पात्र में भोजन परोसा जाता है. इसके बने पात्र में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त में शुद्धता आती है, रक्तपित शांत रहता है और भूख बढ़ाती है. लेकिन कांस्य खट्टी चीजे नहीं परोसना चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है |

4. तांबा
कांस के बर्तन के बाद तांबे के बने बर्तन का प्रयोग होता है. तांबा के बने बर्तन का हर घर में पूजा पाठ में भी प्रयोग लाया जाता है. इस पात्र का पानी रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध करता है, स्मरण-शक्ति अच्छी रखता है, लीवर संबंधी समस्या दूर करता है, तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है इसलिए इस पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है. तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है |

5. पीतल
अनेक घरों में पीतल के बर्तन का भी उपयोग होता है. यह सामान्य कीमत की धातु है. इसमें भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बिमारी नहीं होती |

6. लोहा
लगभग हर घर में लोहे के बर्तन का प्रयोग भी होता है. इसमें बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढती है, इसमें लोह्तत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है. लोहा कई रोग को खत्म करता है , पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग को खत्म करता है, और पीलिया रोग को दूर रखता है. लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है. इसके पात्र में दूध पीना अच्छा होता है |

7. स्टील
वर्तमान समय में स्टील के बर्तन का उपयोग कुछ ज्यादा होता है. यह बहुत सुरक्षित और किफायती होता है. स्टील के बर्तन नुक्शान्देह नहीं होते क्योंकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से. इसलिए नुक्सान नहीं होता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता तो नुक्सान भी नहीं पहुँचता |

8. एलुमिनियम
एल्युमिनिय बोक्साईट का बना होता है. इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान होता है. यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए. इससे हड्डियां कमजोर होती है , मानसिक बीमारियाँ होती है, लिवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है. उसके साथ साथ किडनी फेल होना, टी बी, अस्थमा, दमा, बात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है. इन बीमारियों का जड़ से इलाज नहीं हो पाता. इसलिए अंग्रेज जेल के कैदी को इसमें खाना परोसा करते थे |

इन सब बर्तनों में खाना पकाने और खाने से कुछ फायदे और कुछ नुकशान होते हैं, जिससे हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है|

इसलिए इन सारी बातों को ध्यान में रखकर खाना पकाने और खाने के लिए सही बर्तनों को चुनिए |
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केल्शियम की कमी, धुंटनो मे गैप हौनां, धुंटनो मे सुजन वं आर्थराइटिस मे रामबाण इलाज -Calcium deficiency, gap in fumes, sunburn treatment in suzanne des Arthritis in fumes



धुंटनो के दर्द को खत्म करने वाली, धुंटनो मे गैप भरने वाली, केल्शियम से भरपूर, कमरदर्द, बदनदर्द, संधिवात वं आमवात मे उपयोगी आैषधी कैसे बनाए आइये जाने।

*अश्वगंधा               50 ग्राम*
*इलायची               30 ग्राम*
*कालीमिर्च             10 ग्राम*
*गोक्षुरा                  50 ग्राम*
*बिदारीकंद             50 ग्राम*
*शंखभस्म              15 ग्राम* 
*प्रवालपिष्टी            15 ग्राम*
*कुकुडान्तकभस्म   10 ग्राम*
*सुवर्णमाक्षिकभस्म 10 ग्राम*
*सफेद मुसली         50 ग्राम*
*चोपचीनी              30 ग्राम*
*शतावरजड़           50 ग्राम*
*सौंठ                     20 ग्राम*

उपर दी गइ चीजे भस्मो वं प्रवालपिष्टी को अच्छी ब्रांड की ले वं बाकी की आैषधी को पंसारी से लाकर साफ करके चूरन बनाकर मिक्स करले आैर भस्म वं आैषधी को मिलाकर चूरन तैयार करले । सुबह शाम 1-1 चम्मच खाने के बाद गुनगुने दूध से सेवन करें ।

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सोते समय नाभि में बस 2 बूंद तेल डालें और सेहत के 17 फायदे पाएं - While sleeping, just add 2 drops of oil to the navel and get 17 benefits of health



नाभि शरीर का केंद्र बिंदु होता है। ह र रात सोने से पहले अगर आप मात्र दो बूंद तेल भी नाभि में डालते हैं तो सेहत के कई आश्चर्यजनक फायदे मिल सकते हैं। यह त्वचा, प्रजनन, आंखों और मस्तिष्क के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइए जानते हैं नाभि में तेल डालने से क्या और कौन से फायदे मिलते हैं...


-नाभि में रोजाना तेल लगाने से फटे हुए होंठ नर्म और गुलाबी हो जाते हैं।

-इससे आंखों की जलन, खुजली और सूखापन भी ठीक हो जाता है।

-नाभि में तेल लगाने से शरीर के किसी भी भाग में सूजन की समस्या खत्म हो जाती है।

-सरसों का तेल नाभि पर लगाने से घुटने के दर्द में राहत मिलती है।

-नाभि पर सरसो तेल लगाने से हमारे चेहरे की रंगत बढ़ जाती है, इसलिए आपको रोजाना नाभि पर सरसो तेल लगाना चाहिए।

-नाभि पर सरसो तेल लगाने से पिंपल्स और दाग-धब्बे ठीक होते है।

-नाभि पर सरसो तेल लगाने से हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

- बादाम का तेल लगाने से त्वचा की रंगत निखर जाती है।

- नाभि में तेल लगाने से पेट का दर्द कम होता है।

-इससे अपच, फ़ूड पॉइजनिंग, दस्त, मतली जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है।

-इस तरह की समस्याओं के लिए पिपरमिंट आइल और जिंजर आइल को किसी अन्य तेल के साथ पतला करके नाभि में लगाना चाहिए।

- अगर आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं तो आपको नीम के तेल को नाभि में लगाना चाहिए। इससे आपके कील-मुहांसे दूर होने लगेंगे।

-अगर आपके चेहरे पर कई तरह के दाग की समस्या है तो नीम का तेल नाभि में डालने से ये दाग दूर होंगे। नाभि में लेमन आयल लगाने से भी दाग धब्बे भी दूर होते हैं।

-नाभि प्रजनन तंत्र से जुड़ी हुई होती है। इसलिए नाभि में तेल लगाने से प्रजनन क्षमता विकसित होती है।

- कोकोनट या ऑलिव आइल को नाभि में लगाने से महिलाओं के हार्मोन संतुलित होते हैं और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

- नाभि में तेल लगाने से पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की वृद्धि और सुरक्षा होती है।

- माहवारी से संबंधित समस्याओं से आजकल हर दूसरी-तीसरी महिला ग्रस्त मिलती है। अगर पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द हो तो रूई के फाहे में थोड़ी सी ब्रांडी लगाकर नाभि में लगाने से ये दर्द तुरंत दूर हो जाता है।

नाभि की नियमित रूप से सफाई बहुत जरूरी है इसके लिए कुसुम, जोजोबा, ग्रेप्स सीड, या इसी तरह के अन्य हल्के तेलों को रूई में लगाकर नाभि में लगायें और धीरे-धीरे मैल साफ़ करें।

नाभि में मौजूद मैल के कारण बैक्टीरिया और फंगस के पनपने की संभावना होती है। इसलिए कोई भी संक्रमण बढ़ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप संक्रमण को दूर करने वाले असरदार तेलों का प्रयोग करके नाभि को नम बनाकर रखें। इन तेलों में मस्टर्ड आइल सबसे असरदार हैं.

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अदरक के 12 Beauty Secrets, झड़ते बालों से लेकर स्किन प्रॉब्लम्स होंगी दूर - Ginger's 12 Beauty Secrets, From Falling Hair to Skin Problems Will Be Away



अदरक एक ऐसा भारतीय मसाला है, जो हर घर में रोजाना इस्तेमाल होता है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण सर्दियों में इसका ज्यादा सेवन किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ना सिर्फ बीमारियों को दूर करते हैं बल्कि यह चेहरे की रौनक बढ़ाने में भी आपकी मदद करता है। चलिए जानते हैं कि किस तरह अदरक के इस्तेमाल से आप ब्यूटी से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
अदरक के ब्यूटी बेनिफिट्स

त्वचा का ढीलापन करें दूर

अदरक में मौजूद 40 से अधिक एंटी ऑक्सीडेंट कंपाउंड एंटी-एजिंग प्रोसेस को धीमा कर देते हैं। इससे त्वचा में कसावट व लचीलापन आता है, जिससे आप लंबे समय तक ज‍वां नजर आते हैं। अदरक या इसके पाउडर में समान मात्रा में शहद, चंदन पाउडर व नींबू का रस मिलाकर हफ्ते में 2 बार आधे घंटे के लिए चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो ताजे पानी से धो लें।

झुर्रियां से निजात

अदरक के सेवन से शरीर की कोशिकाओं में रक्त संचार सही से होता है, जिससे झुर्रियां दूर होने के साथ-साथ त्वचा में निखार भी आता है।
अदरक से पाएं इवन टोन स्किन

अदरक में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और स्किन-टोनिंग गुणों के कारण स्किन में चमक आती है। इसके लिए अदरक के रस में शहद व नींबू का रस मिलाकर चहरे पर लगाएं और सूख जाने पर ठंडे पानी से धो दें। इवन टोन स्किन पाने के लिए इसे दिन में दो या तीन बार लगाएं।
कील-मुंहासे से छुटकारा

अदरक में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। ऐसे में रोजाना इसका सेवन करने से दाग-धब्बे और कील-मुंहासे दूर हो जाते हैं।

स्किन जलन से राहत

त्वचा में किसी भी प्रकार की जलन होने पर अदरक के रस को उस हिस्से पर लगाएं। इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा।
त्वचा को करें डिटॉक्स

अदरक से चेहर में मौजूद बैक्टीरिया व विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके लिए आप अदरक के रस को चेहरे पर लगाकर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। जब यह सूख जाए तो ताजे पानी से चेहरा साफ कर लें। इससे आपकी स्किन डिटॉक्स हो जाएगी।
रिमूव करें स्किन टैग्स

स्‍किन टैग्स को हटाने के लिए अदरक को बारीक काटकर उस हिस्से पर 5 मिनट के लिए रखें। ऐसा दिन में 2 बार नियमित रूप से करने पर स्किन टैग्स सिकुड़ जाएंगे और त्वचा सॉफ्ट व क्लीन हो जाएगी।

चेहरे पर लाए निखार

अदरक का इस्तेमाल त्वचा में प्राकृतिक चमक लाने के लिए भी किया जा सकता है। अदरक के रस को गुलाबजल व शहद मिलाकर चेहरे पर 20 मिनट तक लगाएं। फिर ताजे पानी से चेहरा धो लें। ऐसा नियमित रूप से करने के पर आपके चेहरे पर प्राकृतिक चमक बनी रहेगी।
हाइपरप्लगमेंटेशन

अगर आप हाइपरप्लगमेंटेशन और काले धब्बों की समस्या से परेशान हैं तो अदरक का इस्तेमाल करें। इसके लिए एक अदरक को आधा काट लें। अब इसे हाइपरपिग्मेंटेड त्वचा पर लगाएं और कुछ देर तक रगड़े। सूख जाने पर ठंडे पानी से धो दें। इससे आपको कुछ समय में ही फर्क देखने लगेगा।
डैंड्रफ को करें दूर

अगर आपको डैंड्रफ की समस्या है तो हफ्ते में 2 बार अदरक के तेल को स्कैल्प पर लगाएं। इससे आपकी समस्या कुछ ही समय में दूर हो जाएगी।

तेजी से बढ़ाती हैं बाल

इसके नियमित इस्तेमाल से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे बाल तेजी से लंबे होते हैं। इतना ही नहीं, इसका इस्तेमाल दोमुहें बालों की समस्या को भी दूर करता है। इसके लिए अदरक पाउडर में दही मिक्स करके स्कैल्प और बालों में लगाएं। 10-15 मिनट बाद बालों को ताजे पानी से धो लें।
ऑयली स्कैल्प से निजात

यह सिर्फ बालों का झड़ना ही नहीं रोकती ब्लकि ऑयली स्कैल्प को भी ठीक करती है। इसके लिए अदरक और नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। 1 घंटे बाद ठंडे पानी से धो दें। हफ्ते में तीन से चार बार इसका इस्तेमाल करने से बालों में सीबम का उत्पादन कम हो जाएगा और ऑयली स्कैल्प की समस्या दूर होगी।

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आंखो की रोशनी बढ़ाकर चश्मे के नंबर दूर करने वाला चमत्कारी नुस्खा - Miraculous recipe to remove eyeglasses by enhancing eyesight



आज हम बात करते है आंखो की, दोस्तो ऐलोपैथी सायन्स हरगीज यह मानने को तैयार नही है की आंखो री रोशनी बढ़ सकती है लेकिन दोस्तो पांच हजार साल पुराने हमारे आयुर्वेदिक शास्ञोमे चुनिंदा जडीबुट्टीयो से आंखो के रोग जैसे की, आंखो मे कम दिखनां, रात को देखने मे दिक्कत होनां, आंखो मे जाला होनां (धुंधलापन), दूर का देखने मे दिक्कत, नजदीक का देखने मे दिक्कत, आंखो मे रंगो की परख नां होनां, रोशनी देखने मे दिक्कत, तो कीसी को रात को देखने मे दिक्कत, छोटे शब्दो का नां दिखनां वगेरह आंखो के रोग से आप ग्रसित है तो यह मेसेज आपके लिये ही है | दोस्तो जो उपाय मे निचे बतां रहां हू वह कइ लोगो पर आजमाया गया है आैर हंमेशा खरा उतरने वाला यह नुस्खा है खूद पढे़ आैर जरुरतमंदो को प्रयोग करवाऐ |

बडी मिश्री    200 GMS
बादाम.        100 GMS
इलायची        50 GMS
सौंफबीज.     50 GMS
आंवला         50 GMS
प्रवालपिष्टी    10 GMS

दोस्तो उपर दी गइ चिजो को पंसारी से A+ क्वालीटी की  (जो की सबसे उत्तम क्वालीटी होती है) लाकर सभी को पीसकर चूरन बनाकर कांच के डिब्बे मे भरकर रख दिजिये |

सेवन विधि
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सुबह शाम 1-1 चम्मच यह आैषधि + 1-1 गायका धी लेकर सेवन करीये आैर उपर से दूध पीऐ | इसका सेवन 3 से 6 महिनों तक आपने कर लियां तो आप आंखो की सभी बिमारीयो को भूल ही जायेंगे |

अगर आप कीसी भी बिमारी से सालो से पिडीत है आैर आशा की कोइ उम्मीद नही बची तब आप हमसे इलाज करके देखिये.

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प्याज़ को हाथों पर रगड़ने से मिलेगा इन रोगों से जड़ से छुटकारा- Rubbing onion with hands will get rid of the root cause of these diseases



आपने तो सुना ही होगा जो सबसे ज्यादा रुलाता है वो प्यार और देखभाल भी हमारी सबसे ज्यादा ही करता है। ऐसा ही कुछ प्याज़ के संबंध में भी है। ‘An apple in a day, keeps doctor away’ वाली थ्योरी भी अब बदलने वाली है, वह दिन दूर नहीं जब लोग यह कहने लग जायंगे ‘An onion in a day, keeps doctor away’. यह हमारे खाने को स्वादिष्ट तो बनाता ही है, उसके बावजूद भी यह हमारी और भी कई तरह से फायदेमंद है। आज प्याज़ के जो फायदे हम बताने वाले हैं, उन्हें देख कर आप चौंक जायंगे-

उल्टी हो रही हो तो प्याज़ का ज्यूस लें!

अगर आपको कुछ स्वस्थ न लगे बार-बार उल्टी जैसा लगे तो एक कप में प्याज़ का ज्यूस लें आपको उल्टी आना बंद हो जायंगी।

जब भी कोई कीड़ा काट ले, जिस जगह पर कीड़े ने काटा है वहाँ प्याज़ रगड़लें!

हाँ मैं जानता हूँ यह सुनने में थोड़ा अज़ीब लग रहा होगा, मगर यकीन मानिए यह बहुत फायदेमंद है। आपको कुछ ही देर में फायदा नज़र आने लग जायगा।

अगर आप बुखार में हैं? तो अपने सॉक्स  में प्याज का टुकड़ा डाल कर सोयें!

अगर आप बुखार से परेशान है तो प्याज़ का एक टुकड़ा अपने सॉक्स में डाल के सोयें। जब आप प्याज़ के सुरक्षा कवच के घेरे में सोएंगे तो सुबह तक स्वस्थ हो जाएंगे।

हाथों में अगर जलन हो तब भी यही करे!

याद रखिये प्याज़ की प्रकृति दर्द निवारक ओषधि की तरह है, और यह काफी ठंडा भी होता है। तो जब आप अपने जलते हाथों में इसे मलते हैं तो यह ठंडक पहुंचता है।

पैरों में छाले पड़ जाने पर

पैरों में छाले पड़ जाने पर छाले के ऊपर प्याज़ को रोज़ थोड़ी देर घुमाएँ 5 दिनों में आपका छाला गायब हो जायगा।

अगर आपको एक छोटी सी फांस लम्बे समय से परेशान किये हुए है? तो यहाँ उसका उपाय है

प्याज़ का एक छोटा सा टुकड़ा उठाइए और उसे फांस वाली जगह पर 40 मिनट तक घुमाइए। और फिर हटा लीजिये फांस वहाँ से गायब हो जाएगी।

मुश्किल दिनों में प्याज दवा की तरह काम करता है।

जी हाँ, आप बिलकुल सही पढ़ रहे हैं। शुरुआत के 2-3 दिन इसका उपयोग कीजये और फर्क देखिये।

तो अगर आप हमेशा प्याज़ को अपने पास रखोगे तो बीमारियाँ आपसे कोसों दूर हो जायंगी।

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सुबह उठते ही आती हैं लगातार छींके तो क्या करें ? - If you wake up early in the morning, then what should you do?



साइनोसाइटिस की समस्या बढ़ते प्रदूषण और लगातार जुकाम रहने के कारण होती है। हमारी खोपड़ी में अनेक प्रकार के खोकले छेद होते हैं जो ये छेद सांस लेने में मदद करते हैं। जिसे साइनस कहते हैं। जब हम सांस लेते हैं तो इसके साथ धूल-मिट्टी के कण अंदर चले जाते हैं तो यह छेद हवा को साफ करके फेफड़ो तक पहुंचाते हैं। जब यह काम करना बंद कर देते है तो साइनोसाइटिस की समस्या हो जाती है। इस समस्या के होने पर रोगी को सुबह उठते ही छींके आना, जुकाम-खांसी, बदन दर्द, आंखों से आंसू आना, दांतों में दर्द जैसी समस्या होने लगती है। आज हम आपको साइनोसाइटिस होने के कारण और इस से बचने के उपाय बताएंगे, जिसे इस्तेमाल करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।
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साइनोसाइटिस होने के कारण
1. टेंशन होने के कारण
अगर आप हर वक्त तनाव में रहते हैं तो आप कई बीमारियों को बुलावा दे रहे हैं। तनाव के कारण साइनोसाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण सिर दर्द भी होने लगता हैं।
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2. ज्यादा देर ठंड में रहना
जिन लोगों को ज्यादा देर ठंड में रहना पड़ता है। उन्हें इस बीमारी के चांस बहुत अधिक होते हैं। तेज हवा और ठंडे मौसम में रहने से कफ दोष बिगड़ जाता है और बलगम बनने लगती है।
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3. वायु प्रदूषण
बढ़ते प्रदूषण के कारण इस बीमारी का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए ऐसे प्रदूषण में सांस लेने से कीटाणु अंदर चले जाते हैं जो एलर्जी का कारण बनते हैं। जिसके कारण नाक में सूजन हो जाती है और जलन होने लगती है।

साइनोसाइटिस से ऐसे करें बचाव
1. हल्दी और अदरक की चाय
इस समस्या से बचने के लिए हल्दी और अदरक वाली चाय बना कर पीएं। हल्दी में ऐसे औषधीय गुण पाएं जाते है जो जलन को कम करते हैं। जिससे एलर्जी से बचा जा सकता है। अदरक में भी ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो बंद नाक को खोलने में मदद करते हैं।
इस चाय को बनाने के लिए एक कप उबलते पानी में एक इंच हल्दी और एक इंच अदरक को पीसकर डालें और इसे धीमी आंच पर ढक्कर 10 मिनट के लिए उबालें। फिर इसे छान कर चाय का सेवन करें।
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2. स्टीम लें
म्यूकस की मात्रा ज्यादा होने पर भाप जरूर लें। भाप लेने से म्यूकस पिघलता है और नाक अच्छी तरह से साफ होता है। भाप के लिए एक लीटर पानी को उबाल लें और फिर इसमें थोड़ा-सा कपूर मिलाएं। अब इसकी भाप को 10 से 15 मिनट तक लें। इस प्रक्रिया के आराम आने तक रोजाना करते रहे।
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3. अधिक पानी पीएं
इस समस्या से बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीएं। इससे म्यूकस पतला होता है और नाक में ब्लॉकेज खत्म होती है। जिससे साइनोसाइटिस का खतरा कम होता है।
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4. नाक की सफाई रखें
इस बीमारी से बचने के लिए नाक की रोजाना सफाई करें। इसकी सफाई करने के लिए रात को सोने से पहलें या फिर सुबह-सुबह नाक में थोड़ा-थोड़ा पानी डाल कर साफ करें। इसे जोर से मसल कर साफ न करें।
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5. वातावरण साफ रखें
इस बीमारी का मुख्य कारण वायु में धूल, मिट्टी के महीन कण, पशुओं के बाल आदि का होना है। अगर आपने ने घर पर पालतू जानवर रखा है तो इन्हें घर से बाहर रखें और इनकी सफाई पर भी विशेष ध्यान दें। घर में एयर प्यूरिफायर लगवाएं, जिससे आपके घर के अंदर वातावरण साफ बना रह सके.

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सब बीमारी का एक इलाज- A cure for all illness



गौमुञधनसत्व    20 gms
गंधर्व हरितकी    350 gms
अजवाइन.         20 gms
मुलेठी               50 gms
सौंठ.                20 gms

उपर बताइ गइ सभी चिजे पंसारी से एवं गौमुञ धनसत्व ( गौमुञ भस्म) आपको कीसी गौशाला से प्राप्त होगी सभी को मिक्स करके चूरन बनाले|
                   
रात्रि को सोते समय चम्मच पावडर एक गिलास पूरा गुनगुने पानी के साथ लेना है।

गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है।

यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी ।
पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा ।

 चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।

❇ पाचनतंञ फिरसे मजबूत हो जायेगा |
❇ गैस,ऐसीडीटी, दीर होगी |
❇बालो का गीरनाॉ रुक जायेगा |
❇ शरिरमे खून बढ़ने लगेगा |
❇ गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।

❇ हड्डियाँ मजबूत होगी ।
❇ आॅख का तेज बढ़ेगा ।
❇ बालों का विकास होगा।
❇ पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
❇ शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
❇ कफ से मुक्ति ।
❇ हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
❇ थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
❇ स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
❇ स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।
❇ कान का बहरापन दूर होगा ।
❇ भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
❇ खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी
❇ शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।
❇ दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।
❇नपुसंकता दूर होगी।
❇ डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा ।


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अब वजन जरुर कम होगा -हजारो मरीजोको लाभ मिला क्यां आप भी मोटापे से परेशान है ? - Now the weight will definitely be less - Do the patients get the benefit, are you too upset with obesity?


यह नुस्खा को बनानां बिल्कुल ही आसान है इसमे लिखी सामग्री आपको बहोत ही आसानी से प्राप्त हो जायेगी । इनसे आपका पाचनतंञ सुधर जायेगा । वजन करीबन १ महिनेमे 3-6 Kg तक कम होगा । भुख पर कन्ट्रोल होगा । एसीडीटी, गैस, पेट का अल्सर वगेरह की समस्या दूर होगी । शरीरकी अतिरीक्त चर्बी आसानी से पिधलेगी  । युरीनरी प्रोब्लेम जैसे की पेशाब की जलन या बार बार युरीन कम आनां वगेरह समस्या मे भी लाभ होगा ।  आपको स्कूर्ती का अहसास होगा । थाइराइड बेलेन्स होगा ।

*1 महिनेमे 3-6 Kg वेइटलोस करने वाला डीटोक्स टी आइए जानते है धरपर कैसे बनाते है*

साबूत धनियां  -  100 Gms
साबूत सौंफ    -  100 Gms
साबूत जीरां    -  100 Gms
सौंठ चूरन       -   30  Gms

उपर लिखी सभी चिजो को पंसारी या किराने की शोप से लेकर आइए फीर उन सबको मिलादे । आैर कांच के डिब्बेमे भरकर रख दिजिए ।

*कैसे करे सेवन*

सुबह 2 ग्लास पानी +3 चम्मच उपर बतायां गया मिश्रण लेकर तब तक धीमी आंच पर पकाए जबतक 1 ग्लास पानी बचे । फीर सुबह खालीपेट इसको छानतर पीए ।

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तांबे के बर्तन में पानी पीने से होते हैं यह 16 लाभ- Drinks in copper utensils are 16 benefits



आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को  कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए, यह 10 प्रमुख लाभ -
 1  तांबा यानि कॉपर, सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

2  तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं।

3  तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

4  इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।

5  पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है।

6  शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है।

7  तांबा अपने एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह शरीर के आंतरिक व बाह्य घावों को जल्‍दी भरने के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

8  तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि‍ के सही क्रियान्वयन के लिए तांबा बेहद उपयोगी है।

9  तांबे में उपस्थि‍त एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवां बनाए रखता है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल में भी लाभदायक है, जो त्वचा को झुर्रियों, बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवां बनाए रखता है।

10  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

11  तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती। यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।

12  त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए मेलानिन के निर्माण में तांबा अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा, आंखों एवं बालों के रंग के लिए जिम्मेदार तत्व होता है।
13  तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायता करता है। रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में भी बेहद मदददगार साबित होता है।

14  दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता है।

15  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

16  मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती है, और दिमाग तेज होता है।

आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को  कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए, यह 10 प्रमुख लाभ -
 1  तांबा यानि कॉपर, सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

2  तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं।

3  तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

4  इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।

5  पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है।

6  शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है।

7  तांबा अपने एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह शरीर के आंतरिक व बाह्य घावों को जल्‍दी भरने के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

8  तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि‍ के सही क्रियान्वयन के लिए तांबा बेहद उपयोगी है।

9  तांबे में उपस्थि‍त एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवां बनाए रखता है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल में भी लाभदायक है, जो त्वचा को झुर्रियों, बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवां बनाए रखता है।

10  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

11  तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती। यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।

12  त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए मेलानिन के निर्माण में तांबा अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा, आंखों एवं बालों के रंग के लिए जिम्मेदार तत्व होता है।

13  तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायता करता है। रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में भी बेहद मदददगार साबित होता है।

14  दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता है।

15  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

16  मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती है, और दिमाग तेज होता है।

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स्ट्रेच मार्कस हटाने का बैस्ट होम रीमेडी उपाय- Best Home remedies for Stretch Markus removal



सामग्री

2 निंबू के छिलके
1 कटोरी पानी
आधा चम्मच ग्लिसरीन
1 कैप्सूल विटामीन E

*विधि*

1 कटोरी पानी मे निंबू के छिलके डाले स्लोगैस पर तब तक पकाये जब तक पानी 3 चम्मच  नही रह जाये
फिर इसमे ग्लिसरीन मीलाये
1 कैप्सूल विटामीन E का
5 मीनट मसाज  करे फुल नाइट रहने  दे
बचे मिश्र्रण को फ्रीज मे रख सकती है

*स्टरेच माक्स का इलाज पैट्रोलीयम जैली से*

*सामग्री*

1 चम्मच  जैली
1 चम्मच  एलोवेरा जैल
2 कैप्सूल विटामिन E
(400mg)

*विधि*

सभी कै मीला ले
बनाकर ये  फ्रीज मे रख सकते है करीब 10 दिन तक 5 मीनट मसाज  करे फुल नाइट रखे जीससै अच्छा  से वर्क करे रीमेडी

*स्ट्रेच मार्क्स ट्रीटमेंट करें शिया बटर से* -

*सामग्री*

शिया बटर।

*विधि*

सबसे पहले शिया बटर लें।
अब उसे अपने प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं।
लगाने के बाद इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।

*शिया बटर को इस्तेमाल कैसे करें*

पूरे दिन में कई बार इस प्रक्रिया को दोहराने की कोशिश करें।

*शिया बटर को इस्तेमाल करने के फायदे*

त्वचा पर मॉइस्चराइज़िंग के अलावा, शिया बटर में एन्टिओक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण भी मौजूद होते हैं। इस उपाय को रोज़ाना इस्तेमाल करने से त्वचा स्वस्थ होगी और खराब हुई कोशिकाएं ठीक होंगी।

*स्ट्रेच मार्क्स को हटाने का उपाय है एलो वेरा जेल*

*सामग्री*

ताज़ा एलो वेरा जेल।
पांच विटामिन ए कैप्सूल्स।
10 विटामिन ई कैप्सूल्स।

*विधि*

सबसे पहले एलो वेरा से उसका जेल निकाल लें और अब जेल में विटामिन ए और विटामिन ई के कैप्सूल्स में मौजूद तेल को भी मिलाएं।
अब इस मिश्रण को अच्छे से मिला दें और अब इसे त्वचा पर लगाएं।
लगाने के बाद अच्छे से मसाज करें और तब तक करें जब तक ये मिश्रण अच्छे से अवशोषित न हो जाए।
त्वचा को पानी से न धोएं।
आप सिर्फ एलो वेरा जेल को भी त्वचा पर लगा सकते हैं। 15 मिनट के लिए जेल को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ रहने दें और फिर त्वचा को गुनगुने पानी से धो दें।

*एलो वेरा जेल को इस्तेमाल कैसे करें*

इस उपाय को पूरे दिन में एक या दो बार दोहराएं और तब तक दोहराएं जब तक स्ट्रेच मार्क्स पूरी तरह से चले ना जाएँ।

*एलो वेरा जेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

एलो वेरा जेल शरीर के लिए बहुत ही बेहतरीन जड़ी बूटी है, खासकर त्वचा के लिए। ये त्वचा को आराम देता है और इलाज करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाता है।

*विक्स वेपोरब से करें स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू नुस्खे* -

*सामग्र*

विक्स वेपोरब।
क्लिंग रेप।

*विधि*

सबसे पहले थोड़ी मात्रा में उँगलियों पर विक्स वेपोरब लें।
फिर इसे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और लगाने के बाद एक या दो मिनट तक मसाज करें।
फिर उस क्षेत्र को क्लिंग रेप की मदद से ढक दें और रातभर के लिए उसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।

*विक्स वेपोरब को इस्तेमाल कैसे करें*

इस उपाय को हर रात को दोहराएं जब तक स्ट्रेच मार्क्स चले नहीं जाते।

*विक्स वेपोरब को इस्तेमाल करने के फायदे*

विक्स वेपोरब आवश्यक तेल से बना होता है जैसे नीलगिरी तेल, तारपीन तेल और सीडर (cedar) की पत्तियों के तेल से। इसमें कपूर और पेट्रोलाट्म (petrolatum) भी मिला होता है। ये सभी त्वचा को मॉइश्चराइज़ करने में मदद करते हैं और उन्हें मुलायम बनाते हैं। लेकिन अभी तक इस उपाय को इस्तेमाल करने का कोई वैज्ञानिक तथ्य पता नहीं चल पाया है। पर तब भी महिलाओं को इसके इस्तेमाल से 60% से 80% तक फर्क देखने को मिलेगा है।

*स्ट्रेच मार्क्स दूर करने का उपाय है अरंडी का तेल*

*सामग्री*

अरंडी का तेल।

*विधि*

सबसे पहले अरंडी के तेल को गर्म कर लें।
फिर इस तेल से स्ट्रेच मार्क्स पर 15 से 20 मिनट तक मसाज करें।

*अरंडी का तेल को इस्तेमाल कैसे करें* –

इस प्रक्रिया को रोज़ाना रात को सोने से पहले दोहराएं।

*अरंडी का तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

अरंडी का तेल त्वचा की बीमारियाँ और झड़ते बालों का इलाज तेज़ी से करता है। इसमें रिसिनोलिक एसिड होता है, जो कि त्वचा को कंडीशनिंग करता है और स्ट्रेच मार्क्स का इलाज करता है

 *विटामिन ई तेल से स्ट्रेच मार्क्स को हटायें*

*सामग्री*

विटामिन ई के कैप्सूल्स।

*विधि*

सबसे पहले कैप्सूल्स को काट लें जिससे उसके अंदर का तेल निकल आये।
अब इस तेल को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं और कुछ मिनट तक मसाज करें।
मसाज करने के बाद इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
इसके अलावा आप रोज़ाना विटामिन ई के कैप्सूल्स भी खा सकते हैं।

*विटामिन ई तेल को इस्तेमाल कैसे करें*

इस उपाय को पूरे दिन में एक या दो बार दोहराएं।

*विटामिन ई तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

विटामिन ई को आमतौर पर क्रीम और लोशन में इस्तेमाल किया जाता है जिससे दाग और स्किन एजिंग से बचा जा सके। इसके सूजनरोधी और एन्टिओक्सीडेंट गुण त्वचा को पोषण देते हैं, उन्हें स्वस्थ बनाते हैं साथ ही दाग और स्ट्रेच मार्क्स का इलाज करने की प्रक्रिया में भी मदद मदद करते हैं। ये सूरज की किरणों से भी आपको सुरक्षित रखता है।

* *स्ट्रेच मार्क्स को हटाने के उपाय में करें जैतून तेल का उपयोग*

*सामग्री*

जैतून का तेल। )

*विधि*

सबसे पहले तेल को गर्म कर लें।
फिर तेल को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और लगाने के बाद कुछ मिनट तक मसाज करें।
मसाज के बाद तेल को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ रहने दें।

*जैतून के तेल को इस्तेमाल कैसे करें*

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*जैतून के तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

जैतून का तेल पोषक तत्वों, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से समृद्ध होता है। ये त्वचा के लिए बेहद स्वस्थ होता है और त्वचा सम्बन्धी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है, जैसे स्ट्रेच मार्क्स। इसके सूजनरोधी गुण भी स्ट्रेच मार्क्स के लिए बहुत लाभदायक हैं।

*स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू नुस्खे हैं बादाम का तेल*

*सामग्री*

एक या दो चम्मच बादाम का तेल।
कुछ बूँदें आवश्यक तेल की।

*विधि*

सबसे पहले बादाम के तेल में अपने पसंदीदा आवश्यक तेल को मिलाएं।
अच्छे से मिश्रण को मिलाने के बाद इसे कुछ सेकेण्ड के लिए गर्म होने को रख दें।
गर्म होने के बाद मिश्रण को स्ट्रेच मार्क्स पर लगा लें।
इसके बाद कुछ मिनट तक मसाज करें और सूखने के लिए ऐसे ही छोड़ दें।

*बादाम के तेल को इस्तेमाल कैसे करें*–

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*बादाम के तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

बादाम के तेल में विटामिन ई और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषित करते हैं और उसका तेज़ी से इलाज करते हैं। ये साबित हो चूका है कि ये मिश्रण दाग को दूर करता है, त्वचा को मुलायम बनाता है और रंगत को सुधारता है।

 *स्ट्रेच मार्क्स हटाने का तरीका है बेबी तेल*-

*सामग्री*

बेबी ऑयल।

*विधि*

गर्म पानी से नहाने के बाद अपनी त्वचा को अच्छे से सूखा लें और फिर प्रभावित क्षेत्र पर बेबी तेल को लगाएं।
लगाने के बाद त्वचा पर मसाज करें जिससे तेल अच्छे से अवशोषित हो जाए।
फिर प्राकृतिक तरीके से तेल को सूखने दें।
बेबी तेल को इस्तेमाल कैसे करें –

इस तेल का इस्तेमाल रोज़ाना नहाने के बाद करें।

*बेबी तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

बेबी तेल में कई पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषण देते हैं और उन्हें कोमल और मुलायम बनाते हैं। ये भविष्य में होने वाले स्ट्रेच मार्क्स से बचाता है।

*स्ट्रेच मार्क्स हटाने का नुस्खा है बेकिंग सोडा*-

*सामग्री*

एक चम्मच बेकिंग सोडा।
एक नींबू का जूस।
क्लिंग रेप।

*विधि*

सबसे पहले बेकिंग सोडा को नींबू के जूस के साथ मिला दें जिससे कि एक पेस्ट तैयार हो सके।
अब इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और फिर क्लिंग रेप से उस क्षेत्र को ढक दें।
20 से 30 मिनट के लिए इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
अब रेप को हटा लें और फिर उस क्षेत्र को गर्म पानी से साफ़ कर लें।

 *टी ट्री तेल से करें पेट के निशान हटाने के उपाय*

*सामग्री*

चार से पांच बूँद टी ट्री तेल की।
एक या आधा चम्मच जैतून का तेल या नारियल का तेल।

*विधि*

सबसे पहले दोनों मिश्रण को एक साथ मिला लें।
अब इस मिश्रण को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाने के बाद मसाज करें।
तब तक अच्छे से मसाज करें जब तक त्वचा पर ये मिश्रण अवशोषित न हो जाये।
फिर इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
टी ट्री तेल को इस्तेमाल कैसे करें –

इस उपाय को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*टी ट्री तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

टी ट्री तेल के लाभ तो कई हैं। लेकिन ज़्यादातर लोग ये नहीं जानते कि ट्री तेल के इस्तेमाल से स्ट्रेच मार्क्स और दाग गायब हो जाते हैं। इसमें सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं जो इस समस्या का इलाज करने में प्रभावी है।

*स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए है आर्गन तेल लाभदायक*-

*सामग्री*

ऑर्गन तेल।

*विधि*

इस तेल को हाथों में लेकर स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं।
लगाने के बाद कुछ मिनट तक मसाज करें।
फिर त्वचा को पानी से न धोएं या पोछे नहीं।

*आर्गन तेल को इस्तेमाल कैसे करें*–

स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए इस उपाय को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

आर्गन तेल को इस्तेमाल करने के फायदे –

ऑर्गन तेल को ज़्यादातर कॉस्मेटिक उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और ये विटामिन ई से समृद्ध होता है। ये त्वचा को पोषित करता है और इसका इलाज करने में मदद करता है। इसी के साथ ये दाग और स्ट्रेच मार्क्स को भी कम करता है।

 *नींबू से करें स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू उपाय*

*सामग्री*

एक या दो चम्मच ताज़ा नींबू का जूस।

*विधि*

सबसे पहले नींबू के जूस को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं।
दस मिनट तक इसे लगाकर ऐसे ही मसाज करते रहें और तब तक करें जब तक नींबू का जूस अवशोषित न हो जाए।
फिर गर्म पानी से त्वचा को धो लें।
इसके बाद त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाएं।
इसके अलावा आप एक चम्मच नींबू के जूस में में एक या दो चम्मच बेसन मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं। और फिर उस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगा लें। दस मिनट तक उसे ऐसे ही सूखने दें और फिर गर्म पानी से त्वचा को धो लें।

*नींबू को इस्तेमाल कैसे करें* –

इस उपाय को पूरे दिन में एक या दो बार दोहराएं।

नींबू को इस्तेमाल करने के फायदे –

नींबू का जूस स्ट्रेच मार्क्स को कम करने का एक और प्रभावी उपाय है। नींबू का जूस प्राकृतिक रूप से एसिडिक है, जो कि स्ट्रेच मार्क्स, मुहांसो के दाग और अन्य दाग का इलाज करने में और उसे दूर करने में मदद करता है।

*पेट के निशान मिटाने के उपाय में करें सेब के सिरके का उपयोग* -

*सामग्री*

एक कप सेब का सिरका।
एक स्प्रे बोतल।

*विधि*

सबसे पहले स्प्रे बोतल में सेब के सिरके को दाल दें।
फिर रात को सोने से पहले स्ट्रेच मार्क्स पर उस बोतल को स्प्रे करें।
फिर सूखने के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें।
अब अगली सुबह अच्छे से त्वचा को साफ़ कर लें इसके बाद मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।

*सेब के सिरके को इस्तेमाल कैसे करें*–

इस प्रक्रिया को रात को सोने से पहले दोहराएं।

सेब के सिरके को इस्तेमाल करने के फायदे –

सेब का सिरका एसिटिक और मलिक एसिड (malic acid) से समृद्ध होता है जो दाग को कम करने में मदद करता है।

*स्ट्रेच मार्क्स को हटायें हल्दी से* -

*सामग्र*

एक चम्मच हल्दी पाउडर।
एक चम्मच ताज़ा क्रीम या दही।

*विधि*

सबसे पहले हल्दी को क्रीम या दही के साथ मिला दें जिससे कि एक पेस्ट तैयार हो सके।
अब इस पेस्ट को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसके सूखने का इंतज़ार करें।
फिर त्वचा को गर्म पानी से धो लें और फिर मॉइस्चराइज़र लगा लें।
हल्दी को इस्तेमाल कैसे करें –

स्ट्रेच मार्क्स को खत्म करने के लिए इस पेस्ट को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*हल्दी को इस्तेमाल करने के फायदे*

स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा दिलाने में हल्दी बहुत ही अच्छा तरीका है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और त्वचा को निखारने के गुण मौजूद होते हैं। रोज़ाना हल्दी के इस्तेमाल से आपको कुछ ही हफ्तों में फर्क दिखाई देने लगेगा।

स्ट्रेच मार्क्स कम करने के उपाय करें जोजोबा तेल से

*सामग्री*

शुद्ध जोजोबा तेल

*विधि*

सबसे पहले जोजोबा तेल की कुछ बूँदें लें और फिर उसे स्ट्रेच मार्क्स पर लगा लें।
अब कुछ मिनट तक मसाज करें और फिर मसाज के बाद तेल को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
जोजोबा तेल को इस्तेमाल कैसे करें –

इस तेल को पूरे दिन में दो या तीन बार दोहराएं।

*जोजोबा तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

जोजोबा तेल में सूजनरोधी और त्वचा का इलाज करने के गुण मौजूद होते हैं। जब आपको स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने शुरू हो जाएँ तो तभी इस तेल का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। इससे स्ट्रेच मार्कस को रोकने में मदद मिलेगी। ये त्वचा को पोषित करता है और उसका इलाज करता है

*चीनी के साथ एक्स्फोलियेट करें*: चीनी एक नेचुरल एक्स्फोलियेंट होती है अर्थात् यह ऐसा पदार्थ है जो आपकी स्किन को पुनर्जीवित करने के लिए डेड सेल्स को रगड़कर दूर कर देता है |

दानेदार चीनी से एक रब (rub) बनायें:
कुछ बूँद बादाम के तेल और नीम्बू के रस के साथ एक बड़ी चम्मच चीनी मिलाएं और अच्छी तरह से हिलाएं |
इसे सीधे अपने स्ट्रेच मार्क्स पर लगायें, और इस मिश्रण को 8 से 10 मिनट तक स्किन पर मलें |
अब इसे धोकर साफ़ कर लें |
बेहतर परिणाम के लिए, एक महीने तक हर बार शावर लेने से पहले इसे आजमायें |

*आलू का रस लगायें*

चूँकि आमतौर पर हम सोचते ही नहीं है कि आलू से रस भी निकला जा सकता है लेकिन कच्चे आलू को काटने पर मिलने वाली नमी में महत्वपूर्ण विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं | ये पोषक तत्व आपकी स्किन सेल्स की वृद्धि और मरम्मत को बढाते हैं |
एक मध्यम आकार के आलू को मोटे टुकड़ों में काटें |
इनमे से एक टुकड़े को अपने स्ट्रेच मार्क्स पर थोड़ी देर तक मलें और आलू के “रस” की एक परत स्ट्रेच मार्क्स पर चड़ने दें |
अब रस को हवा में सूखने दें |
गुनगुने पानी से स्किन को धो लें |

*नीम्बू का रस लगायें*: नीम्बू के रस में पाया जाने वाला एसिड स्किन की झाइयों को कम करने में मदद करता है | एक नीम्बू को आधा काटें और इसके कटे हुए हिस्से को अपने स्ट्रेच मार्क्स के ऊपर धीरे-धीरे मलें | इस रस को अपनी स्किन पर 10 मिनट के लिए सेट होने दें और फिर पानी से धो लें

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त्वचा को जवां रखने के लिए रोज सोने से पहले करें ये 5 काम - To keep the skin tender, do 5 work before sleeping



हर रात सोने से पहले क्या आप अपनी त्वचा को गुड-नाइट कहती हैं? अगर नहीं, तो अब भी वक्त है, इसे अपनी आदत में शुमार कर लीजिए...

आमतौर पर हम सभी दिनभर तो अपनी त्वचा की देखभाल कर लेते हैं लेकिन रात को उसे अनदेखा करके सो जाते हैं. पर विशेषज्ञों की मानें तो रात के समय त्वचा की अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है. कुछ छोटे से उपाय है जिन्हें सोने से पहले करके आप निखरी-जवान त्वचा पा सकती हैं.....

1. भले ही आप कितनी भी थकी हुई क्यों न हों लेकिन बिना मेकअप उतारे सोने मत जाएं. बिना मेकअप उतारे सोने से आपकी त्वचा पर रसायनिक प्रभाव पड़ेगा और आपकी त्वचा पर मौजूद सूक्ष्म रंध्र बंद हो जाएंगे. त्वचा का सांस लेते रहना बहुत जरूरी है और रंध्रों के बंद हो जाने से त्वचा की चमक फीकी पड़ने लग जाती है.

2. अगर आपको फेशियल कराए काफी समय हो चुका है और आपकी त्वचा बेजान नजर आने लगी है तो रोज रात को अपने हाथों से चेहरे की अच्छी तरह मसाज करें. ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और त्वचा में निखार आता है. फेशियल के लिए नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करना ज्यादा कारगर साबित होगा.

3. सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से नहाना आपको राहत देने का काम करेगा. अगर आप इसी पानी में कुछ मात्रा में नमक मिला सकें तो और अच्छा रहेगा. नमक में मौजूद तत्वों के चलते संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है.

4. अगर आप चाहती हैं कि आपके बाल लंबे हों तो रोज रात को सोने से पहले कंघी करके सोएं. इससे बालों का झड़ना भी कम हो जाएगा. दरअसल, बालों में कंघी करने से ब्लड सर्कुलेशन बूस्ट होता है और जड़ें मजबूत होती हैं.
5. दिनभर की थकान हमारी आंखों को भी बोझिल कर देती है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपनी आंखों को अच्छी तरह से पानी से धोएं और उसके बाद ही सोने जाएं. ऐसा करने से डार्क सर्कल होने की अाशंका कम हो जाएगी.

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कैसे एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel) बनायें- How to Make Aloe Vera Gel



ऐलोवेरा जिसे ग्वारपाठा और घृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है, का जेल एक प्रसिद्ध और श्रेष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक है। उसे सनबर्न (sunburn) का उपचार करने, त्वचा को चिकना बनाने और दाह या जलन को शांत करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। जेल बनाने के लिए आपको सिर्फ एक स्वस्थ ऐलोवेरा पौधे की आवश्यकता है। आप उसमें कुछ चीजें मिलाकर उसे ज्यादा समय के लिए रख सकते हैं।

*सामग्री*

ऐलोवेरा की पत्ती
इच्छानुसार: 500mg विटामिन C पाउडर या 400 IU विटामिन E (हर 1/4 प्याला जेल के लिए)

अपने हाथ धोएं: साफ हाथ और साफ चीजों का उपयोग करना जरुरी है ताकि जेल दूषित न हो।

ऐलोवेरा के पौधे की एक बाहर की पत्ती काटें: बाहर की पत्तियाँ ज्यादा पकी होती हैं। उनमें बहुत सारा ताज़ा, स्वास्थ्यकर जेल होता है। पौधे के बाहर जमीन के पास उगने वाली पत्तियों को देखें। उनमें से एक को, एक तेज़ चाकू से सफाई से, नीचे के हिस्से के पास काटें।
ऐलोवेरा जेल ज्यादा दिन नहीं चलता है। इसलिए एक बार में ज्यादा मात्रा में न बनायें। अगर आप लोगों को बाँटने के लिए बना रहें हैं तो अलग बात है। एक या दो काफी बड़ी पत्तियों को काटकर आप करीब 1/2 से 1 प्याला जेल बना सकते हैं।
अगर आपका तरुण पौधा है तो एक बार में ज्यादा न काटें। बाहर की सब पत्तियों को काटने से पौधा खराब हो सकता है।

राल या रेज़िन (resin) को 10 मिनट बहने दें: पत्तियों को एक प्याले पर सीधा रखें ताकि गहरे पीले रंग का रेज़िन बह जाये। रेज़िन में लैटेक्स (latex) होता है जिससे त्वचा में जलन हो सकती है। उसे निकाल देना अच्छा है ताकि वह आपके जेल में न जाये।

पत्तियों को छीलें: सब्जी छीलने के चाकू से संभालकर पत्तियों का हरा हिस्सा छीलें। [१] अंदर की सफेद परत जरुर से हटायें। हर पत्ती के एक ओर का छिलका पूरी तरह हटायें ताकि आपके पास डोंगी के आकार की, जेल से भरी हुई आधी पत्ती रह जाये।
अगर आपकी पत्तियाँ बड़ी हैं तो छीलने से पहले उन्हें छोटे टुकड़ों में काट लेना अच्छा है।
छीलकर छिलके को हटाते जाएँ ताकि वह आपके जेल में न मिल जाये।

जेल को एक चम्मच से निकालें: पारदर्शी नरम जेल को आसानी से चम्मच से निकाल सकते हैं। पत्ती में से सारा जेल एक साफ कटोरे में निकालें।

गूदे को ब्लेंडर में डालकर तीस सेकंड तक ब्लेंड कर लें |
तैयार जेल को एक हवाबंद/एयरटाइट डिब्बे में पलट लें|
आप जेल में एक प्राकृतिक संरक्षक (preservative) मिला सकते हैं: अगर आपके पास बहुत सारा जेल है और आप उसे एक या दो महीने रखना चाहते हैं, तो हर 1/4 प्याला जेल के लिए 500mg विटामिन C का पाउडर या 400 IU विटामिन E डालें। सब चीजों को एक ब्लेंडर में डालकर अच्छे से ब्लेंड करें। शुरू में जेल झागदार दिखाई देगा।

जेल को एक विसंक्रमित (sterilized), साफ कॉच के जार (jar) में रखें : अगर आपने कोई संरक्षक डाला है तो जेल को आप कई महीनों तक फ्रिज में रख सकते हैं। संरक्षक के बिना वह एक या दो हफ़्तों तक रह सकता है।

जेल का उपयोग करें: उसे सनबर्न या ऊपरी सतह पर जले हुए हिस्सों (surface burns) पर लगायें। ऐलो को एक मॉइस्चराइज़र की तरह और घर में बनाये गए बॉडी प्रोडक्ट्स (body products) में डालने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
ऐलोवेरा जेल को गहरे घाव और छालों पर कभी न लगायें। उसे सिर्फ त्वचा की सतह की जलन के लिए इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि वह गहरे घाव को ठीक से भरने में रोक सकती है।

विटामिन C के पाउडर की जगह आप विटामिन C की गोली को पीस के डाल सकते हैं। नहीं तो ग्रेपफ्रूट एक्सट्रैक्ट (grapefruit extract) की कुछ बूँदें भी अच्छा काम करेंगी।

*सुझाव*

आप एलोवेरा जेल में खुशबू लाने के लिए थोड़ा-सा गुलाब जल भी मिला सकते हैं| सादे एलोवेरा जेल की महक आपको अच्छी नहीं लग सकती है|
सिर्फ त्वचा की जलन या सूजन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि यह गहरे घावों के लिए उपयुक्त नहीं होता है|
गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय को सिकोड़ने का काम करता है|

*चेतावनी*

आप ऐलोवेरा को खा सकते हैं पर ज्यादा न लें, यह एक लैक्ज़ेटिव (laxative) का काम करता है।
अगर आपको लैटेक्स से एलर्जी है तो ऐलोवेरा के साथ काम करते समय ग्लव्स पहनें।

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साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध - The simple small experiments you must follow are some experiments that are available in your home



1- अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग :-

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए |

2- मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें।

जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ।

ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

3- बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण :-

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

4- मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री :-

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

5- खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़ :-

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

6- पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक :-

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं।

बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

7- अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी :-

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

8- बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल :-

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल – दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

9- जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस :-

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

10- पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन :-

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।

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